BA Semester-5 Paper-1 Physical Education - Athletic Injuries and Physiotherapy - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2805
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- पराबैंगनी किरणों से आप क्या समझते हैं? परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार का वर्णन कीजिए।

उत्तर - 

पराबैंगनी किरणें

'अल्ट्रा वायलेट' का मतलब 'वायलेट से परे'। वायलट का अर्थ है उच्चतम प्रकाश दृश्य की आकृतियाँ। पराबैंगनी प्रकाश उच्चतम प्रकाश की आवृत्ति हैं, जो प्रकाश की उच्चतम आकृति पर भी अपना प्रभाव दिखाती है। पराबैंगनी किरणों का 1801 में पता चला था जब जर्मन भौतिकशास्त्री जोहान विल्हेम रिटल एक सिल्वर क्लोराइड से रंगे कागज में से पराबैंगनी विकिरणों की अदृश्य किरणों को उसके दूसरी ओर दिखाई दिया था। उन्होंने कहा था कि इसे 'आक्सीकरण किरणें' के नाम से जाना जाएगा। इसी तरह दूसरी तरफ ऐसी ही विकिरणों का 19वीं शताब्दी में लोकप्रिय होने लगी जिसे 'रासायनिक रे' का नाम दिया गया। बाद में कुछ ही समय बाद 'जॉन विलियम ड्रापर' ने रासायनिक विकिरणों और हीट विकिरणें को एक साथ आदर्श रूप देने के लिए 'Fithonic Rays' विकिरणों का नाम दे दिया, जो कि पराबैंगनी और इन्फ्रारेड किरणें की समानार्थी थी। 1903 में इसे बहुत प्रभावी विकिरण के साथ-साथ अच्छी दूरी तक अपनी तरंग दैर्ध्य क्षमता वाली मानी गई थी। इसके बाद 1960 में डीएनए (DNA) पर पराबैंगनी प्रकाश चिकित्सा या पराबैंगनी फोटोथेरेपी का प्रयोग त्वचा विकार और विटिलियों या श्वेतदाग आदि त्वचा रोग के उपचार के लिए प्रयोग किया जाने लगा था। इसके बाद इस उपचार को अच्छी गुणवत्ता से प्रकाश में लाया गया लेकिन कुछ किरणों से यह इस्तेमाल में कम होने लगा। जैसे कि उपरोक्त बताई गई जानकारी के अनुसार हमें ज्ञात हुआ कि पराबैंगनी किरणें सौरमण्डल विस्तार से उत्पन्न होती हैं, अर्थात् पैराबैंगनी किरणें सूर्य की किरणों द्वारा उत्सर्जित होती हैं। सूर्य की किरणों में इन्फ्रारेड की मात्रा अधिक और पराबैंगनी किरणों की मात्रा कम होती है।

सूर्य की किरणों से मध्यान्ह में विटामिन 'डी' की प्राप्ति भी होती है जिसे सूर्य मसाज कहते हैं। ये किरणें द्रवित मर्करी को उच्च ताप पर गर्म करने से पराबैंगनी किरणों की तरंग लम्बाई के समान किरणें उत्सर्जित होती हैं, जिनसे मानव आँखों द्वारा ग्रहण करने पर किसी प्रकार की क्षति घटित नहीं होती। इन पराबैंगनी किरणों को पराबैंगनी विकिरण की कृत्रिम स्रोत के रूप में धातु की छड़ों, कार्बन और क्वार्टज ट्यूब में मर्करी के मध्य विद्युत चाप के रूप में प्राप्त करते हैं।

पराबैंगनी किरणों से उपचार - पराबैंगनी प्रकाश उपचार के द्वारा त्वचा रोग और सोरायसिस और अन्य प्रकार के त्वचा रोगों का उपचार किया जाता है जो कि निम्नलिखित हैं-

(i) घाव को भरता है।
(ii) संक्रमण को कम करता है।
(iii) श्वेत दाग आदि।

उपचार का प्रभाव - पराबैंगनी प्रकाश उपचार मुख्य रूप से गम्भीर सोरायसिस के मामलों व अन्य शरीर के किसी त्वचा के संक्रमण वाले भाग को सुरक्षा व उपचार किया जाता है। इसके अलावा विटिलिगो एटापिक की सूजन और एलर्जी से सम्बन्धित रोग, जैसे- खुजली, लाल त्वचा और अन्य रोग को इसके द्वारा उपचार किया जाता है। इसके अलावा निम्नलिखित प्रभाव भी शामिल हैं-

(i) इस चिकित्सा से रक्त नलिकाओं में रक्त प्रवाह बढ़ता है। अतः इस उपकरण के उपयोग करने से पूर्ण उसकी तीव्रता और समय काल को ध्यान में रखना चाहिए।

(ii) सूर्य की किरणों से प्राप्त विटामिन 'डी' त्वचा में वसा संग्रही के रूप में जमा हो जाता है।
(iii) इस चिकित्सा के माध्यम से संक्रमण कम होता है।
(iv) पराबैंगनी विकिरण के माध्यम से घाव भरने में सहायता मिलती है।
(v) सूर्य की किरणों से प्राप्त विटामिन 'डी' त्वचा में वसा संग्रह के रूप में जमा हो जाता है।
(vi) पराबैंगनी किरणों की सहायता से तनाव उत्पन्न होता है।
(vii) पराबैंगनी किरणें त्वचा के घाव को प्रभावित प्रभाव।
(viii) एन्टीबायोटिक फोटोसेन्सेशन प्रभाव।
(ix) कैन्सर में परिवर्तन लाने के लिए लगभग इस चिकित्सा को 4 सप्ताह तक उपयोग किया जाता है।

पराबैंगनी किरणों का डी.एन.ए. की कोशिका पर प्रभाव पड़ता है, जिससे कोशिकाओं में विभाजन की प्रक्रिया होती है।

सावधानियाँ - पराबैंगनी चिकित्सा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान देना होगा कि इन विकिरण के सम्पर्क के समय त्वचा की औसत आयु कितनी होगी, इसका पूर्ण ज्ञान होना चाहिए नहीं तो त्वचा के कैंसर की बढ़ने की सम्भावना ज्यादा होगी और इस सम्भावना को दूर करना चाहिए। पराबैंगनी किरणें त्वचा के लिए अधिक संवेदनशील होती हैं। दवाईयों का सेवन करने वाले व्यक्तियों के प्रति इन विकिरण का विपरीत नतीजे मिलेंगे। परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार के दौरान आँखों को क्षति से बचाना चाहिए। इसके लिए उपयुक्त चश्मों को उपयोग में लाना चाहिए अन्यथा आँखों में रोग हो सकता है। यदि किसी खिलाड़ी या व्यक्ति ने उच्च तरंग लम्बाई की परागबैंगनी किरणों के नजदीक है, तो इस चिकित्सा की मात्रा अधिक हो जाती है। इसलिए इस चिकित्सा को देते समय हमें सभी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।

उपचार और विवरण - पराबैंगनी विकिरणों के द्वारा ज्यादातर सोरायसिस और एक्ज़िमा, छाजम आदि त्वचा रोग का उपचार व इलाज किया जाता है। इसमें रोगियों व त्वचा के प्रकार के अनुसार कार्यवाही करके उपचार किया जाता है। अधिकांश रोगियों को 18-30 बार उपचार करके सुधार में परिवर्तन व बदलाव किया जाता है। पराबैंगनी विकिरण चिकित्सा की तीव्रता मरीज की त्वचा के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होगी। माना जाता है कि गोरी चमड़ी (त्वचा) वालों के लिए कम खुराक और डार्क त्वचा वालों के लिए अधिक खुराक या मजबूत तरीके के छोटे भाग पर या न्यूनतम पर्विल ( औषधि की मात्रा) दो के ऊपर उपचार करना चाहिए। उसके बाद यदि सब बातें सही रहें, यानि कोई भी संक्रमण या अन्य किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक परिणाम न आने पर 24 घंटे के बाद उपचार का अगला कदम उठाना चाहिए। सोरायसिस के बारे में सामान्य रूप से चार से पांच सप्ताह के लिए तीन से पांच बार पराबैंगनी प्रकाश उपचार करने से बहुत सुधार दिखाई देगा। पराबैंगनी उपचार को और प्रभावी करने के लिए आप एक बीट और लम्बी कर सकते हैं। लेकिन, इस परिस्थिति में पराबैंगनी विकिरण की कुछ मात्रा कम करनी पड़ेगी। कुछ जाँचकर्त्ता यह सोचते हैं कि पराबैंगनी विकिरण उपचार सबसे सुरक्षित विकल्प होता है। यह एक उपचार तकनीक का अनुभव होता है कि किस चिकित्सा को अधिक महत्त्व दिया जाए। इसके अलावा यह भी निश्चित कर लिया जाता है कि चिकित्सक अपने रोगी को इससे सम्बन्धित जानकारी प्रदान करें। इसके साथ-साथ रोगी को किसी प्रकार की दवाईयां लेने के लिए स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन इन दवाओं की जानकारी चिकित्सक को देना आवश्यक है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्य चोटों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  2. प्रश्न- खेलों के दौरान चोटों की रोकथाम करने के सामान्य सिद्धान्त क्या हैं?
  3. प्रश्न- खेलों में चोट की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
  4. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्यतः चोटों के दो कारणों का उल्लेख कीजिये।
  5. प्रश्न- स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी से आप क्या समझते हैं?
  6. प्रश्न- खेल चिकित्सा विज्ञान से आपका क्या अभिप्राय है?
  7. प्रश्न- एथलेटिक चोटों से आपका क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  8. प्रश्न- ट्रॉमेट्रिक इंजरी से आप क्या समझते हैं? इसके अन्तर्गत कौन-कौन सी चोटें आती हैं?
  9. प्रश्न- अवधि के आधार पर चोटें क्या हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  10. प्रश्न- ऐंठन (Cramp) से क्या अभिप्राय है? इसके क्या कारण हैं?
  11. प्रश्न- सनबर्न (Sunburn) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षण और होने वाली समस्याओं का वर्णन कीजिये?
  12. प्रश्न- चोट लगने के क्या लक्षण होते हैं?
  13. प्रश्न- चोट लगने के जोखिम के प्रमुख कारक कौन-से हैं?
  14. प्रश्न- खेल में चोट से क्या तात्पर्य है। इसके विभिन्न भेदों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- खेल चोटों के प्रकारों को स्पष्ट करते हुए डिसलोकेशन व स्प्रेन के कारण, लक्षण व उपचार का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- सामान्य खेल चोटों के उपचार पर टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- खेल में चोटों के प्रकार पर टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- मुख्य खेल चोटें कौन-सी हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- खेल चोटें पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  20. प्रश्न- खेलों में चोटें क्या होती है?
  21. प्रश्न- स्नायुबंधन मोच से आप क्या समझते है? इसके लक्षण व निदान का वर्णन कीजिये?
  22. प्रश्न- मांसपेशिय तनाव से आप क्या समझते हैं? मांसपेशिय तनाव के कारण और निवारण से संक्षिप्त लेख लिखें।
  23. प्रश्न- टेण्डन और लिंगामेन्ट में क्या अन्तर है?
  24. प्रश्न- कन्धे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों का वर्गीकरण कीजिये?
  25. प्रश्न- पीठ (पीछे) के तनाव से आप क्या समझते हैं?
  26. प्रश्न- टेनिस एल्बो से आपका क्या अभिप्राय है? टेनिस एल्बो के लक्षण और निदान का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  27. प्रश्न- गोल्फर की कोहनी क्या है? इसके कारण, लक्षण और निदान पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये?
  28. प्रश्न- टेनिस एल्बो और गोल्फर एल्बो में क्या अन्तर है?
  29. प्रश्न- "धावक का घुटना" से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों और उपचार को समझाइये?
  30. प्रश्न- पिंडलियों में दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण व लक्षणों का वर्णन कीजिये?
  31. प्रश्न- फफोले क्या हैं? इनसे बचाव के उपाय बताये?
  32. प्रश्न- छालों से आप क्या समझते हैं? छालों के कारण, लक्षण और बचाव के सामान्य उपायों को समझाइये?
  33. प्रश्न- रक्त गुल्म क्या है? इसके कारण और लक्षणों पर प्रकाश डालिये?
  34. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आपका क्या अभिप्राय है? इसके क्षेत्र व आवश्यक सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- प्राथमिक सहायक (चिकित्सक) के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- प्राथमिक सहायक के गुणों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  37. प्रश्न- एक प्राथमिक सहायता देने वाले के रूप में आप अपने मित्र की निम्न स्थितियों में कैसे सहायता करेंगे? (1) मोच (3) घाव (2) हड्डी का टूटना (अस्थि भंग) (4) सर्प दंश या साँप का काटना।
  38. प्रश्न- रक्त स्त्राव के बाह्य और आंतरिक कारणों पर प्रकाश डालिए। आप इसके लिए प्राथमिक सहायता कैसे देंगे? स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- खिंचाव व मोच से आप क्या समझते हैं? इसकी विस्तृत विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा में उपचार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए इनके आवश्यक उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा एवं अर्थ स्पष्ट करते हुए एक अच्छे प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- 'प्राथमिक चिकित्सा' को परिभाषित कर उसके मुख्य घटकों का उल्लेख कीजिये तथा शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद में प्राथमिक चिकित्सा की अपरिहार्यता पर समालोचनात्मक मत प्रकट कीजिये।
  43. प्रश्न- प्राथमिक उपचार का अर्थ एवं परिभाषा स्पष्ट कीजिए।
  44. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- प्राथमिक सहायता की आवश्यकता व महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- प्राथमिक सहायता के क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
  47. प्रश्न- अस्थि भंग का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- अस्थि-विस्थापन पर टिप्पणी कीजिए।
  49. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक की प्राथमिकताएँ स्पष्ट कीजिए।
  51. प्रश्न- हड्डी उतरने पर प्राथमिक चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  52. प्रश्न- W.H.O. पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- आसन से आप क्या समझते हैं? अच्छे आसन की उपयोगिता की विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- अनुचित आसन के कारणों, प्रभावों एवं हानियों को विस्तार से समझाइये |
  55. प्रश्न- आसन सम्बन्धी विकृतियों से आप क्या समझते हैं? आसन सम्बन्धी विकृतियों के कारण तथा उनके उपचार का वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- लार्डोसिस तथा सपाट पाँव के कारणों का उल्लेख कीजिये तथा इन्हें दूर करने के लिए उपचारात्मक व्यायामों का वर्णन कीजिये।
  57. प्रश्न- उचित आसन के क्या लाभ हैं? स्पष्ट कीजिए।
  58. प्रश्न- उचित आसन एवं अनुचित आसन से आप क्या समझते हैं? अनुचित आसन से हानियाँ स्पष्ट कीजिए।
  59. प्रश्न- अनुचित आसन के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  60. प्रश्न- अग्रकुब्जता या धँसी हुई कमर विकृति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए
  62. प्रश्न- आसन को समझाते हुए आसनीय विकृतियों के नाम लिखिए।
  63. प्रश्न- पीठ दर्द क्या है? पीठ दर्द क्यों होता है? इसके उपचार को सरल शब्दों में समझाये।
  64. प्रश्न- गर्दन के दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण, उपचार और प्रमुख योगासन का वर्णन कीजिये।
  65. प्रश्न- अनुचित मुद्रा से कौन-कौन से विकार उत्पन्न हो जाते हैं?
  66. प्रश्न- अनुचित मुद्राओं को कैसे सुधारें?
  67. प्रश्न- सामान्य मुद्रा में सुधार के उपायों का वर्णन कीजिये?
  68. प्रश्न- अनुचित मुद्रा क्या है? इसके लक्षण बताइये।
  69. प्रश्न- पुनर्वास को परिभाषित करते हुए इसके उद्देश्य एवं क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- चोट पुनर्वास से आप क्या समझते हैं? विस्तृत विवेचना कीजिए। चोट पुनर्वास की विधियों पर टिप्पणी लिखिए।
  71. प्रश्न- खेल चोट पुनर्वास में ठण्डी चिकित्सा (क्रायोथेरेपी) की तकनीक व प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- आर. आई. सी. ई. से आप क्या समझते है?
  73. प्रश्न- DRABC से आपका क्या तात्पर्य है? इसके चरणों का वर्णन कीजिये?
  74. प्रश्न- शीत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  75. प्रश्न- पुनर्वास क्या है? पुनर्वास काउंसिल ऑफ इंडिया का रोल स्पष्ट कीजिए।
  76. प्रश्न- चोट पुनर्वास के लक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- पट्टियों के प्रकार की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  78. प्रश्न- टैपिंग क्या है? इसके उद्देश्य, और सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- इलास्टिक चिकित्सीय टेप क्या है?
  80. प्रश्न- कायिक चिकित्सा' शब्द को परिभाषित कीजिए और इसके सहायक सिद्धान्तों को विस्तार से लिखिए।
  81. प्रश्न- शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में 'कायिक चिकित्सा' का क्या महत्त्व है?
  82. प्रश्न- कायिक चिकित्सा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- कायिक चिकित्सा के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम को स्पष्ट करते हुए इसकी तकनीकी का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- मालिश से क्या समझते हैं? मालिश के सामान्य विचारों के बारे में संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- मालिश के प्रकार को दर्शाते हुए किन्हीं चार प्रकारों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- मालिश के प्रभाव से आप क्या समझते हैं? शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- मालिश के निम्न प्रकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
  89. प्रश्न- मालिश का परिचय दीजिए।
  90. प्रश्न- मालिश के संक्षिप्त इतिहास का वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- रगड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- मालिश के रक्त संचरण व पेशी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लिखिए।
  93. प्रश्न- मालिश के सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए। मालिश के सिद्धान्त क्या हैं?
  94. प्रश्न- मालिश के प्रतिषेध से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- खेलों में मालिश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- जल चिकित्सा का अर्थ एवं इसका उपयोग स्पष्ट कीजिए।
  97. प्रश्न- शीत चिकित्सा या क्रायोथ्रेपी से आप क्या समझते हैं? शीत चिकित्सा की उपचार तकनीक और इलाज में उपयोग एवं प्रभाव की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- थर्मोथैरेपी उपचार के परिचय और प्रदर्शन के बारे में लिखिए।
  99. प्रश्न- थर्मोथैरेपी पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- सौना स्नान का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- ठंडा और गर्म स्नान पर टिप्पणी लिखिए।
  102. प्रश्न- 'भंवर स्नान' चिकित्सा विधि का उल्लेख कीजिए।
  103. प्रश्न- भाप स्नान से आप क्या समझते हैं? इसके लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा एवं अवरक्त चिकित्सा से आप क्या समझते हैं? इन्फ्रारेड किरणों के साथ चिकित्सा उपचार का वर्णन कीजिए।
  105. प्रश्न- डायथर्मी चिकित्सा से आपका क्या अभिप्राय है? डायधर्मी के प्रकार का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- पराबैंगनी किरणों से आप क्या समझते हैं? परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- अल्प तरंग डायथर्मी का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- इन्फ्रारेड किरणों का लाभ स्पष्ट कीजिए।
  110. प्रश्न- शार्ट वेव डायथर्मी के उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के क्षेत्र और वर्गीकरण की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम को परिभाषित कीजिए और इसके सिद्धान्तों एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  113. प्रश्न- मांसपेशियों के पुनर्वास और मजबूती के लिये योग आसन के साथ चिकित्सीय महत्व का वर्णन कीजिये।
  114. प्रश्न- योग में पुनर्वास क्या है? समझाइये?
  115. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  116. प्रश्न- उपचारिक व्यायामों का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम से आप क्या समझते हैं? प्रतिरोधी व्यायाम की तकनीक को स्पष्ट कीजिए।
  118. प्रश्न- मुक्त व्यायाम की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  119. प्रश्न- पुनर्वास क्या है इसकी आवश्यकता किन रोगों में होती है?
  120. प्रश्न- योग हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है?
  121. प्रश्न- ताड़ासन का संक्षेप में वर्णन कीजिये?
  122. प्रश्न- कुक्कुटासन की विधि और लाभ वर्णन कीजिये।

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