बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पराबैंगनी किरणों से आप क्या समझते हैं? परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
पराबैंगनी किरणें
'अल्ट्रा वायलेट' का मतलब 'वायलेट से परे'। वायलट का अर्थ है उच्चतम प्रकाश दृश्य की आकृतियाँ। पराबैंगनी प्रकाश उच्चतम प्रकाश की आवृत्ति हैं, जो प्रकाश की उच्चतम आकृति पर भी अपना प्रभाव दिखाती है। पराबैंगनी किरणों का 1801 में पता चला था जब जर्मन भौतिकशास्त्री जोहान विल्हेम रिटल एक सिल्वर क्लोराइड से रंगे कागज में से पराबैंगनी विकिरणों की अदृश्य किरणों को उसके दूसरी ओर दिखाई दिया था। उन्होंने कहा था कि इसे 'आक्सीकरण किरणें' के नाम से जाना जाएगा। इसी तरह दूसरी तरफ ऐसी ही विकिरणों का 19वीं शताब्दी में लोकप्रिय होने लगी जिसे 'रासायनिक रे' का नाम दिया गया। बाद में कुछ ही समय बाद 'जॉन विलियम ड्रापर' ने रासायनिक विकिरणों और हीट विकिरणें को एक साथ आदर्श रूप देने के लिए 'Fithonic Rays' विकिरणों का नाम दे दिया, जो कि पराबैंगनी और इन्फ्रारेड किरणें की समानार्थी थी। 1903 में इसे बहुत प्रभावी विकिरण के साथ-साथ अच्छी दूरी तक अपनी तरंग दैर्ध्य क्षमता वाली मानी गई थी। इसके बाद 1960 में डीएनए (DNA) पर पराबैंगनी प्रकाश चिकित्सा या पराबैंगनी फोटोथेरेपी का प्रयोग त्वचा विकार और विटिलियों या श्वेतदाग आदि त्वचा रोग के उपचार के लिए प्रयोग किया जाने लगा था। इसके बाद इस उपचार को अच्छी गुणवत्ता से प्रकाश में लाया गया लेकिन कुछ किरणों से यह इस्तेमाल में कम होने लगा। जैसे कि उपरोक्त बताई गई जानकारी के अनुसार हमें ज्ञात हुआ कि पराबैंगनी किरणें सौरमण्डल विस्तार से उत्पन्न होती हैं, अर्थात् पैराबैंगनी किरणें सूर्य की किरणों द्वारा उत्सर्जित होती हैं। सूर्य की किरणों में इन्फ्रारेड की मात्रा अधिक और पराबैंगनी किरणों की मात्रा कम होती है।
सूर्य की किरणों से मध्यान्ह में विटामिन 'डी' की प्राप्ति भी होती है जिसे सूर्य मसाज कहते हैं। ये किरणें द्रवित मर्करी को उच्च ताप पर गर्म करने से पराबैंगनी किरणों की तरंग लम्बाई के समान किरणें उत्सर्जित होती हैं, जिनसे मानव आँखों द्वारा ग्रहण करने पर किसी प्रकार की क्षति घटित नहीं होती। इन पराबैंगनी किरणों को पराबैंगनी विकिरण की कृत्रिम स्रोत के रूप में धातु की छड़ों, कार्बन और क्वार्टज ट्यूब में मर्करी के मध्य विद्युत चाप के रूप में प्राप्त करते हैं।
पराबैंगनी किरणों से उपचार - पराबैंगनी प्रकाश उपचार के द्वारा त्वचा रोग और सोरायसिस और अन्य प्रकार के त्वचा रोगों का उपचार किया जाता है जो कि निम्नलिखित हैं-
(i) घाव को भरता है।
(ii) संक्रमण को कम करता है।
(iii) श्वेत दाग आदि।
उपचार का प्रभाव - पराबैंगनी प्रकाश उपचार मुख्य रूप से गम्भीर सोरायसिस के मामलों व अन्य शरीर के किसी त्वचा के संक्रमण वाले भाग को सुरक्षा व उपचार किया जाता है। इसके अलावा विटिलिगो एटापिक की सूजन और एलर्जी से सम्बन्धित रोग, जैसे- खुजली, लाल त्वचा और अन्य रोग को इसके द्वारा उपचार किया जाता है। इसके अलावा निम्नलिखित प्रभाव भी शामिल हैं-
(i) इस चिकित्सा से रक्त नलिकाओं में रक्त प्रवाह बढ़ता है। अतः इस उपकरण के उपयोग करने से पूर्ण उसकी तीव्रता और समय काल को ध्यान में रखना चाहिए।
(ii) सूर्य की किरणों से प्राप्त विटामिन 'डी' त्वचा में वसा संग्रही के रूप में जमा हो जाता है।
(iii) इस चिकित्सा के माध्यम से संक्रमण कम होता है।
(iv) पराबैंगनी विकिरण के माध्यम से घाव भरने में सहायता मिलती है।
(v) सूर्य की किरणों से प्राप्त विटामिन 'डी' त्वचा में वसा संग्रह के रूप में जमा हो जाता है।
(vi) पराबैंगनी किरणों की सहायता से तनाव उत्पन्न होता है।
(vii) पराबैंगनी किरणें त्वचा के घाव को प्रभावित प्रभाव।
(viii) एन्टीबायोटिक फोटोसेन्सेशन प्रभाव।
(ix) कैन्सर में परिवर्तन लाने के लिए लगभग इस चिकित्सा को 4 सप्ताह तक उपयोग किया जाता है।
पराबैंगनी किरणों का डी.एन.ए. की कोशिका पर प्रभाव पड़ता है, जिससे कोशिकाओं में विभाजन की प्रक्रिया होती है।
सावधानियाँ - पराबैंगनी चिकित्सा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान देना होगा कि इन विकिरण के सम्पर्क के समय त्वचा की औसत आयु कितनी होगी, इसका पूर्ण ज्ञान होना चाहिए नहीं तो त्वचा के कैंसर की बढ़ने की सम्भावना ज्यादा होगी और इस सम्भावना को दूर करना चाहिए। पराबैंगनी किरणें त्वचा के लिए अधिक संवेदनशील होती हैं। दवाईयों का सेवन करने वाले व्यक्तियों के प्रति इन विकिरण का विपरीत नतीजे मिलेंगे। परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार के दौरान आँखों को क्षति से बचाना चाहिए। इसके लिए उपयुक्त चश्मों को उपयोग में लाना चाहिए अन्यथा आँखों में रोग हो सकता है। यदि किसी खिलाड़ी या व्यक्ति ने उच्च तरंग लम्बाई की परागबैंगनी किरणों के नजदीक है, तो इस चिकित्सा की मात्रा अधिक हो जाती है। इसलिए इस चिकित्सा को देते समय हमें सभी दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
उपचार और विवरण - पराबैंगनी विकिरणों के द्वारा ज्यादातर सोरायसिस और एक्ज़िमा, छाजम आदि त्वचा रोग का उपचार व इलाज किया जाता है। इसमें रोगियों व त्वचा के प्रकार के अनुसार कार्यवाही करके उपचार किया जाता है। अधिकांश रोगियों को 18-30 बार उपचार करके सुधार में परिवर्तन व बदलाव किया जाता है। पराबैंगनी विकिरण चिकित्सा की तीव्रता मरीज की त्वचा के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होगी। माना जाता है कि गोरी चमड़ी (त्वचा) वालों के लिए कम खुराक और डार्क त्वचा वालों के लिए अधिक खुराक या मजबूत तरीके के छोटे भाग पर या न्यूनतम पर्विल ( औषधि की मात्रा) दो के ऊपर उपचार करना चाहिए। उसके बाद यदि सब बातें सही रहें, यानि कोई भी संक्रमण या अन्य किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक परिणाम न आने पर 24 घंटे के बाद उपचार का अगला कदम उठाना चाहिए। सोरायसिस के बारे में सामान्य रूप से चार से पांच सप्ताह के लिए तीन से पांच बार पराबैंगनी प्रकाश उपचार करने से बहुत सुधार दिखाई देगा। पराबैंगनी उपचार को और प्रभावी करने के लिए आप एक बीट और लम्बी कर सकते हैं। लेकिन, इस परिस्थिति में पराबैंगनी विकिरण की कुछ मात्रा कम करनी पड़ेगी। कुछ जाँचकर्त्ता यह सोचते हैं कि पराबैंगनी विकिरण उपचार सबसे सुरक्षित विकल्प होता है। यह एक उपचार तकनीक का अनुभव होता है कि किस चिकित्सा को अधिक महत्त्व दिया जाए। इसके अलावा यह भी निश्चित कर लिया जाता है कि चिकित्सक अपने रोगी को इससे सम्बन्धित जानकारी प्रदान करें। इसके साथ-साथ रोगी को किसी प्रकार की दवाईयां लेने के लिए स्वतंत्रता होनी चाहिए, लेकिन इन दवाओं की जानकारी चिकित्सक को देना आवश्यक है।
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- प्रश्न- उपचारिक व्यायाम को परिभाषित कीजिए और इसके सिद्धान्तों एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- उपचारिक व्यायामों का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम से आप क्या समझते हैं? प्रतिरोधी व्यायाम की तकनीक को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मुक्त व्यायाम की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- पुनर्वास क्या है इसकी आवश्यकता किन रोगों में होती है?
- प्रश्न- योग हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है?
- प्रश्न- ताड़ासन का संक्षेप में वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- कुक्कुटासन की विधि और लाभ वर्णन कीजिये।